बेगूसराय. अत्यधिक भारी वाहनों के चलने के कारण आजादी के बाद देश में गंगा नदी पर सबसे पहले बने सिमरिया पुल (राजेंद्र सेतु) पर प्रशासन ने बड़े वाहनों का परिचालन भले ही बंद कर दिया है लेकिन पुल की सुरक्षा के लिए बंद किया गया यह परिचालन बेगूसराय एवं पटना पुलिस के लिए कामधेनु साबित हो रही है.
रविवार की रात भी हाथीदह साइड में जाम लगे होने पर इस संवाददाता ने जब बालू लोड कर लगातार आ जा रहे पिकअप चालकों से बात किया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. इन लोगों ने बताया कि सिमरिया पुल पर बड़े वाहन का परिचालन बंद रहने के कारण लखीसराय और नवादा से ट्रक से बालू हाथीदह आता है. वहां से ढ़ाई सौ से अधिक पिकअप वाहन से वह बालू सिमरिया पुल पार कर फिर एनटीपीसी के समीप स्टोर किया जाता है और यहां से ट्रक पर लोड कर अन्य जगहों पर भेजा जाता है. पिकअप चालकों की मानें तो पहले पुल पार करने के लिए पुलिस को प्रत्येक ट्रिप एक सौ रुपया देना पड़ता था. किसी ने इसकी शिकायत कर दिया तो छापेमारी हो गई तथा पैसा वसूली का तरीका बदल गया.
अब चकिया ओपी की पुलिस बेगूसराय साइड के बालू मंडी में हाथीदह थाना की पुलिस पटना साइड के बालू मंडी में ही प्रत्येक दिन 15-15 सौ रुपया लेती है. रुपया लेने के लिए एक नेटवर्क तैयार किया गया है, रुपया लेने के बाद यह लोग रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक अनलिमिटेड बालू लेकर आने-जाने का सिग्नल देते हैं. जो वाहन चालक पैसा देने में आनाकानी करते हैं उन्हें गुजरने नहीं दिया जाता है, पकड़कर फाइन किया जाता है. पिकअप चालको ने बताया कि हम ढ़ाई सौ से अधिक पिकअप चालक प्रत्येक दिन दोनों ओर 15-15 सौ रुपया देते हैं. इस तरीके से प्रत्येक माह दो करोड़ से अधिक वसूली होती है.
इस संबंध में दोनों ओर मौजूद पुलिस वालों से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो वे भड़क गए. जबकि जाम में फंसे मुकेश कुमार, धर्मवीर कुमार, ऋषि रंजन आदि ने बताया कि हम लोग बराबर रात में पटना से लौटते हैं और 11 बजे के बाद जाम की यही स्थिति रहती है. इन लोगों ने बेगूसराय एवं पटना के एसपी तथा डीएम से रात 11 बजे के बाद स्वयं छापेमारी कर गंगा नदी पर बने इस पुल को बचाने की गुहार लगाई है. ताकि सिमरिया में बन रहे सिक्स लेन पुल के पूरा होने से पहले तक यह पुल ध्वस्त नहीं हो तथा किसी तरह आवाजाही चलती रहे.