ट्रेफिक अपडेट:सुबह 9:00 से 10:00 बजे लालपुर चौक से कोकर या कोकर से लालपुर जाने के लिए बचे

ट्रैफिक जाम जो कभी खत्म ही नहीं होती

मैं अद्वैत कृष्णा 20 साल हो गए लालपुर से कोकर आते जाते, फिर भी आज हर दिन जाम बढ़ता जा रहा है, इस शहर को हुआ क्या है, जाम ख़त्म होने का नाम भी नहीं लेता, ऐसा ही हाल रातू रोड का था 20 साल हो गए तब जाकर फ्लाईओवर बनना चालू हुआ, मुझे नहीं लगता लालपुर और कोकर का अच्छे दिन भी कभी आएगा, 23 साल झारखंड को बिहार से अलग हुए हो गया, सरकारी प्रोजेक्ट पंचवारसिये से 23वारसिये हो गया, रांची झारखंड की राजधानी है तो ये हाल है दूसरे जिलों का क्या हो सकता है आप  समझ सकते हैं, सरकारी कार्यों में इतनी देरी क्यों दुबई में 1 सप्ताह पूरी तरह से बदलाव हो जाता है, पर हमारे यहां ऐसा क्यों नहीं होता है, क्या झारखंड की जनता पड़ी लिखी नहीं है, क्या झारखंडी अनपढ़ है? क्या झारखंडी जंगली है? क्या झारखंड गरीब राज्य है? ऐसा क्या कमी है जो झारखंड का विकास नहीं हो पा रहा है? क्या झारखंड में खनिज पदार्थ की कमी है? क्या झारखंड सरकार दीवालिया है? क्या कर रहे हैं हमारे नेतागण पिछले 23 सालो से? कारख़ाने झारखंड में क्या नहीं है? झारखंड में किस चीज की कमी है?  ऐसे लाखो मुद्दे हैं जो 23 सालो में नहीं हो पाया, सरकारे अति रही, सरकारे जाती रही, झारखंड को अन्य राज्यो ने लूटा, स्थानीय राजनेता की बात तो कुछ समझ ही नहीं आया, एक राजनेता को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, उही 23 साल बीत गए और 23 साल बीत जाएगा,  झारखंडी राजनेता का ड्रीम प्रोजेक्ट ड्रीम बनकर रह जाएगा, कुछ लोग अपनी जेब भरने में लगे रहेंगे और वो भी कुछ सालो के बाद चले जायेंगे, ये है हमार झारखंड, ऐसे हैं हम झारखंडी, सिर्फ झारखंड को लूटना है और झारखंड का कोई विकास नहीं करना है, ऐसे हैं हम झारखंडी, और गर्व से कहते हैं हम झारखंडी हैं, सवाल सभी झारखंडी से है? क्या हम सभी झारखंडी हैं या लुटेरा? सभी झारखंडियो इमरजेंसी पड़े तो तो इन्हें लगाएं फोन…

फिर मिलेंगे झारखंड की नयी ड्रीम प्रोजेक्ट के साथ….

अद्वैत कृष्णा

रांची, झारखंड

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